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The Shinkansen Experience: Speed, Comfort, and Scenery | Hiroshima | Travel with Javed Chaudhry



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Embark on an exhilarating journey through Japan aboard the legendary Shinkansen, commonly known as the bullet train. Witness the seamless blend of cutting-edge technology and breathtaking landscapes as we traverse the country at speeds of up to 200 miles per hour. From the bustling metropolis of Tokyo to the historic city of Kyoto, join us as we explore Japan’s iconic sights, cultural gems, and hidden treasures along the way. Get ready for a high-speed adventure filled with excitement, comfort, and unforgettable experiences aboard the Shinkansen. Fasten your seatbelts and prepare to be amazed as we discover the wonders of Japan on this thrilling bullet train expedition!

यह टोक्यो का एक रेलवे स्टेशन है इसको कहते हैं शीना गवा तो शीना गवा के अंदर आप खें लोग दौड़ी जा रहे हैं दौड़ी जा रहे हैं दौड़ी जा रहे हैं और यह सिर्फ एक सेक्शन है जिसमें इतने लोग हैं इस स्टेशन से बाहर मैंने देखे हैं ऐसे लगता है

करोड़ों की तादाद में लोग जो है वो ट्रेनों का पीछा कर रहा है तो यहां से बुलेट ट्रेन मिलती है और हमने अब यहां से हमने जाना है वहां जहां एटम बम गिरा था हिरोशिमा हिरोशिमा यहां से 1000 किमी दूर है यहां से बुलेट ट्रेन है और ट्रेन हमें

चार घंटे में 1000 किलोमीटर दूर पहुंचा देगी और उसके बाद फिर मैं आपको वहां से बताऊंगा कि जब आइटम बम गिरा था उस शहर प तो हुआ क्या था और यह सिर्फ बुलेट ट्रेन के लिए इतने लोग हैं तो जब जो मैंने देखा यह जो मेट्रो

चल रही है यहां पे जो अंडरग्राउंड ट्रेन है उस परे तो लोगों को ऐसे पैक किया जाता है ट्रेन के अंदर ओ बहुत ही मुश्किल होता है तो हिरोशिमा के लिए तैयारी है टोक्यो से और यह रेलवे स्टेशन है शीना गोगा गोवा फस्ट ट्रेन आ रही है और उसके बाद हम

हिरोशिमा रवाना हो जाएंगे टोक्यो से वो देखिएगा फास्ट [संगीत] न और यह कोच नंबर 14 है और हर स्टेशन प स्टेशन के ऊपर कोचेस का मार्क लगा हुआ है और और ये हम क्योंकि 14 नंबर पे है और ये 14 यहां पे आके रुकेगी ये देखिए ये 14 है

और वो नीचे आपको 14 नजर आ रहा होगा तो यह 14 नंबर 14 के सामने रुकेंगे बुलेट ट्रेन के अंदर और स्पीड देखें आप इसकी इतनी ज्यादा स्पीड है कि इसको बाहर से चीजों को कैप्चर करना बहुत ज्यादा मुश्किल है अभी टनल के अंदर है अभी

टनल खत्म होगी 300 किमी पर आवर की स्पीड से से दौड़ रही है और इतनी स्पीड के बाद चीजों को जाहिर है कैप्चर करना आसान काम नहीं होता तो यह 300 किमी पर आवर की स्पीड से बुलेट रन हिरोशिमा की तरफ पढ़ रही है लेकिन अंदर से कंपलीटली स्मूथ कोई चीज

हिल नहीं रही और बल्कि अभी हमने कॉफी पी है और कप जो थे वो भी नि छलके अभी टोक्यो के सबब है जिनमें से गुजरी है [संगीत] ट्रेन हिरोशिमा और नागासाकी करीब करीब है दोनों जो 1945 में इन दोनों के ऊपर एटम बम फेंके

गए ले जी हम तकरीबन तीन साढ़े घंटे के बाद हिरोशिमा पहुंच चुके हैं और यह ट्रेन जो थी इसकी स्पीड थी थी 100 किलोमीटर पर आवर और यह 1000 किलोमीटर दूर है टोक्यो से लेकिन हम बड़ी आसानी से तीन घंटे और 50 मिनट के अंदर यहां पहुंच गए तो अब हम बाहर

जा रहे हैं और यह हिरोशिमा हिरोशिमा यह देखिएगा हिरोशिमा यहां पर पहला एटमी बम फेंका गया था अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को [संगीत] यहां ट्रेन बहुत एक्यूरेट है और सेकंड्स के हिसाब से चलती है और उसके अंदर बहुत थोड़ी देर रुकती है एक मिनट रुकेगी ट्रेन

और उसके बाद फिर अगली मंजिल की तरह रवाना हो जाएगी ये देखिए गेट्स लगे हु हैं डबल गेट्स ये गेट है और जब ये ट्रेन चलने लगती है तो ये गेट बंद हो जाता है ताकि प्लेटफार्म और उसके ट्रेन के दरमियान जो गैप है वो कम से कम हो और गिरे ना लोग

[संगीत] हिरोशिमा सिटी और रेलवे स्टेशन से हम बाहर आए हैं और अब बस में बैठ के हम होटल की तरफ जा रहे हैं दूसरी चंग में यह सारा शहर तबाह हो गया था यह जब यहां पर बम गिरा तो उसके बाद हर चीज स्मश होगी और सब मलबे के ठेर बन

लेकिन जपनीज कॉम का कमाल है कि 5 साल के बाद बाद इस पूरे शहर का हुलिया दोबारा बदल दिया गया था और यह पूरा एक हस्ता बस्ता शहर था और आज भी आप देख ले कि इस शहर को देख के कतन एहसास नहीं होता कि कभी य शहर

मुकम्मल तौर पर सफा हस्ती से मिट गया था यहां पर कुछ नहीं बचा था ना बिल्डिंग बची थी ना दरिया बचे थे ना पुल बचे थे ना रेलवे स्टेशन ना बसेस ना लोग ना स्कूल ना अस्पताल कुछ भी नहीं लेकिन सिर्फ पाच सात साल के बाद पूरा शहर इन्होंने आबाद कर

दिया था इसलिए इनका कमाल है ये कि अगर बर्बादी आती है तो इस शहर को द डेवलप ही कर लेते हैं और आज देखें कोई भी शख्स हिरोशिमा के अंदर दाखिल हो तो उसे महसूस ही नहीं होगा कि यह शहर कभी जीरो हो चुका

था ये ग्राउंड जीरो था जापान के लिए तो यह कमाल होता है जिंदा [संगीत] कोमों ये सब हिरोशिमा है और इसको आप देखें अपनी आंखों से हिरोशिमा को यह वो रिवर है जिसका जिक्र लिटरेचर के अंदर बहुत ज्यादा आता है फिल्मों के अंदर दिखाया जाता है कि

जब बम फेंका गया था एटम बम फेंका था तो उस वक्त इस रिवर की क्या सूरते हाल थी मैं वैसे आपको पिक्चर्स भी दिखाऊंगा अभी के यह सूरते हाल क्या थी एट उस वक्त क्योंकि अभी तक इनके पास वो तस्वीरें भी है [संगीत] सारी जब 3000 सेंग ट आग होगी हर तरफ और

ऑक्सीजन खत्म हो चुकी होगी तो उसके बाद इंसान बचेगा [संगीत] कैसे तो यह है जनाब हिरोशिमा [संगीत] i

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