#Dadrewa #Goga_Maharaj #Gyanvik_vlogs #Rajastan_Churu #Goga_Pir #Gogamedi #Gorakhnath #गोगाजीकाइतिहास #गोगामहाराजददरेवा #Rajasthan_heritage #churu #Gogaji

चौहान वीर गोगाजी का जन्म विक्रम संवत 1003 में चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था.

देवीसिंह मंडावा लिखते हैं कि चौहाण की साम्भर शाखा में एक घंघ ने चुरू से चार कोस पूर्व में घांघू बसाकर अपना राज्य स्थापित किया. उसके पांच पुत्र और एक पुत्री थी. उसने अपने बड़े पुत्र हर्ष को न बनाकर दूसरी रानी के बड़े पुत्र कन्हो को उत्तराधिकारी बनाया. हर्ष और जीण ने सीकर के दक्षिण में पहाड़ों पर तपस्या की. जीण बड़ी प्रसिद्ध हुई और देवत्व प्राप्त किया. कन्हो की तीन पीढ़ी बाद जीवराज (जेवर) राणा हुए. उनकी पत्नी बाछल से गोगादेव पैदा हुए. [14]

गोगादेव का विवाह कोलुमण्ड की राजकुमारी केलमदे के साथ होना तय हुआ था किन्तु विवाह होने से पहले ही केलमदे को एक सांप ने डस लिया. इससे गोगाजी कुपित हो गए और मन्त्र पढ़ने लगे. मन्त्र की शक्ति से नाग तेल की कढाई में आकर मरने लगे. तब नागों के राजा ने आकर गोगाजी से माफ़ी मांगी तथा केलमदे का जहर चूस लिया. इस पर गोगाजी शांत हो गए. [15]

जब गजनी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था तब पश्चिमी राजस्थान में गोगा ने ही गजनी का रास्ता रोका था. घमासान युद्ध हुआ. गोगा ने अपने सभी पुत्रों, भतीजों, भांजों व अनेक रिश्तेदारों सहित जन्म भूमि और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया. [16]

जिस स्थान पर उनका शारीर गिरा था उसे गोगामेडी कहते हैं. यह स्थान हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील में है. इसके पास में ही गोरखटीला है तथा नाथ संप्रदाय का विशाल मंदिर स्थित है.[17]

गोगा के कोई पुत्र जीवित न होने से उसके भाई बैरसी या उसके पुत्र उदयराज ददरेवा के राणा बने. [18]

आज भी सर्पदंश से मुक्ति के लिए गोगाजी की पूजा की जाती है. गोगाजी के प्रतीक के रूप में पत्थर या लकडी पर सर्प मूर्ती उत्कीर्ण की जाती है. लोक धारणा है कि सर्प दंश से प्रभावित व्यक्ति को यदि गोगाजी की मेडी तक लाया जाये तो वह व्यक्ति सर्प विष से मुक्त हो जाता है. भादवा माह के शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की नवमियों को गोगाजी की स्मृति में मेला लगता है. उत्तर प्रदेश में इन्हें जहर पीर तथा मुसलमान इन्हें गोगा पीर कहते हैं.

गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से
गोरखनाथ जी से सम्बंधित एक कथा राजस्थान में बहुत प्रचलित है। राजस्थान के महापुरूष गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था। गोगाजी की माँ बाछल देवी निःसंतान थी। संतान प्राप्ति के सभी यत्न करने के बाद भी संतान सुख नहीं मिला। गुरू गोरखनाथ ‘गोगामेडी’ के टीले पर तपस्या कर रहे थे। बाछल देवी उनकी शरण मे गईं तथा गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और एक गुगल नामक फल प्रसाद के रूप में दिया। प्रसाद खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गई और तदुपरांत गोगाजी का जन्म हुआ। गुगल फल के नाम से इनका नाम गोगाजी पड़ा। गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा बने। गोगामेडी में गोगाजी का मंदिर एक ऊंचे टीले पर मस्जिदनुमा बना हुआ है, इसकी मीनारें मुस्लिम स्थापत्य कला का बोध कराती हैं। कहा जाता है कि फिरोजशाह तुगलक सिंध प्रदेश को विजयी करने जाते समय गोगामेडी में ठहरे थे। रात के समय बादशाह तुगलक व उसकी सेना ने एक चमत्कारी दृश्य देखा कि मशालें लिए घोड़ों पर सेना आ रही है। तुगलक की सेना में हाहाकार मच गया। तुगलक की सेना के साथ आए धार्मिक विद्वानों ने बताया कि यहां कोई महान सिद्ध है जो प्रकट होना चाहता है। फिरोज तुगलक ने लड़ाई के बाद आते समय गोगामेडी में मस्जिदनुमा मंदिर का निर्माण करवाया।

#गोरखनाथ #गोगामेडी #gogajidham #गोगाजी_का_धाम_ददरेवा_चुरु #गोगाजी_का_जन्म_स्थान

38 Comments

  1. hamare yaha goga ji maharaj puje jaate hai bhai inka इतिहास hame bhi maloom hai gyan adhura hai apka

  2. Bhai jab puri jankari nhi hua kare to galat information mat diya karo. Ye humare kul devta hai or jitna bhi aapne inke bare me btaya hai vo 50% galat hai. Vo na hi to shahid hue hai or na hi unki wife ka naam vo hai jo aapne btaya hai. Vo to dharti me jinda samaaye hai apni mata ke vachan rakhne ke liye or unki wife ka naam Serial hai or jo last me aapne mandir btaya hai jiska naam aapne gorakh tila btaya hai vo gorakh tila nhi hai gorak tila to bahut dur hai dadreva ( Janamsathli ) se vo to nolakhaa baag hai jha mata bachal ko gugal di thi Gorakhnath maharaj ji ne jisse Jaharveer Maharaj ji ka janam hua or sath me 4 or veero ka jinka naam Narsingh Panday, Ratan Sing, Bajjukotvaal or Neeli Ghodhi Hai. Bhaai aage se dhyaan rakhna aise aap galat information daloge to logo ko sach kaise pta chalega vo to aapki di gyi information ko hi shi samjhenge na. So Please Don't give wrong information.

  3. Jai baba goga jaharveer ji 🙏🙏 or is sthan pe mai har saal aata hu jai bagad Wale peer goga jaharveer ji 🙏

  4. Bhai jab kisi cheez ki jankari na ho to video mat banaya karo. Pehli baat raani bachal ki statue ko tum hissa bata rahe ho jo achcha nahin laga, dusra tumne goga ji ke baare mein bataya ki wo Mohammad Gajnavi ke saath yudh mein ladte hue shaheed ho gaye jo ki galat hai aur teesra goga ji maharaj ka neela ghoda tha na ki ghodi. Aasha hai agli baar video banao to aisi galti nahin karoge. Isse achcha hai tum video banao hi mat itihas ke upar. Khud ko jankari na ho to logon ko galat jankari mat do. Tumko sirf apna blog chalana hai aur kuch nahin.

  5. भाई आपने मेरे जहारवीर गोगा जी के बारे में जो कुछ कहा सही कहा पर आपने वो पांच को थे वो मे बता था हु १)जहारवीर गोगा जी २)रतनावीर चावरीया (मेहतर)जो गोगा जी के सेनापति थे ३)नारसिग पांडे ४)नीला घोडा ५)भंजु कोतवाल जो चमार थे

  6. भाई जी गोगा वीर बोलो भाई गोगा पीर मत बोलो गोगा जी महाराज वीर थे पीर नहीं 🙏🙏🙏🙏

  7. भाई जी आप को सही जानकारी नहीं हे जब तक किसी के बारे में सही जानकारी ना हो तो उनके बारे में कुछ कहना गलत हे आप पहले जानो ये कोन थे पहली बात ये पद्म नाग के अवतार थे दूसरी बात ये युद्ध में नहीं मरे थे ये तो धरती में समा गये थे ओर तीसरी बात भाई इनको मुसलमान मत बनाओ ये पीर नहीं ये वीर थे ओर चौहान थे आप की जानकारी अधिकांश गलत हे

Write A Comment