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For a pleasant time with family and friends in Rewa, visit the Keoti Waterfall. It is the 24th highest waterfalls in India and is a really popular tourist destination .The view from the falls during sunset and sunrise is something one shouldn’t miss during the trip. A great way to have some intimate time with loved ones. Keoti Waterfall is a place in Rewa that will blend you with the locals as it is usually crowded with people be it tourists or the localities.

केवटी

नारदमूनि ज्ञानी घुमक्क्ड़ में आपका एक बार फिर से स्वागत हैं। आज हम मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत झरने केवटी का भ्रमण करेंगे, जो कि प्रयागराज से लगभग 100 किमी और रीवा मुख्यालय से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित हैं। यह देश का 24वां सबसे ऊंचा झरना हैं। यहां हर साल बरसात के दिनों में रीवा और उसके आस-पास के जिलों से पर्यटक इसकी खूबसूरती देखने खीचे चले आते हैं। यहां सबसे अधिक पर्यटक प्रयागराज जिले से आते हैं। हमारा सफर भी प्रयागराज से शुरु होता हैं। मैं प्रयागराज में रहता हूं और मुझे ये झरना इतना पसंद हैं कि मैं यहां लगभग हर साल चला आता हूं। मैं यहां पहली बार 2013 में आया था। उस समय यहां आने का रास्ता बहुत ही खराब था। हमारी गाड़ी और हमारे पैर खीचड़ से बिल्कुल सन से गये थे, लेकिन पिछले कुछ सालो में सरकार ने बहुत ही अच्छी सड़के बनवा दी है जिससे यहां की यात्रा सुलभ हो गयी हैं। प्रयागराज से केवटी के सफर में केवटी झरने को देखने का उत्साह आपका और भी बढ़ जाता हैं जब आप सोहागी पहाड़ पर पहुंचते है। सोहागी पहाड़ से नीचे का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता हैं।
पहले सोहागी पहाड़ की सड़क संकरी होने के कारण, सोहागी पहाड़ को पार करने में बहुत समय लगता था। लेकिन अब सरकार द्वारा सड़को के चौड़ीकरण के बाद इसे आप 10-15 मिनट में ही पार कर जाते हैं।

केवटी झरने के किनारे ही केवटी किला हैं। जिसका निर्माण रीवा के राजा ने 15वीं सदी में करवाया था। इस किले का ऐतिहासिक महत्व हैं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से विद्रोह कर ठाकुर रणमत सिंह ने अपने साथी सिपाहियों के साथ केवटी के इस किले में अपना पड़ाव डाला। जहां अंग्रेजी फौज उनका पीछा करते हुए पहुंच गयी। इसी केवटी किले में अंग्रेजी फौज और ठाकुर रणमत सिंह के टुकड़ी के बीच भीषण युद्ध हुआ जिसमें ठाकुर रणमत सिंह नें अंग्रेज कमांडेन्ट कर्नल के साथ बहुत से अंग्रेजी फौज के सैनिको को मौत के घाट उतार दिया।
जब मैं इस किले में 2013 में पहली बार आया था तो ये किला बहुत ही जर-जर अवस्था में था। 2013 के बाद के वर्षों में सरकार नें इस किले की मरम्मत करवाई लेकिन आज भी जब आप इसे देखेंगे तो सरकार द्वारा करवाई गयी मरम्मत पर्याप्त नहीं लगेगी। मुझे ऐसा लगता है कि सरकार द्वारा, इस किले को 1857 की क्रान्ति से संबंधित वस्तुओ और ठाकुर रणमत सिंह जी के जीवन से जोड़कर एक संग्रहालय के रुप में बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता हैं।
इसके बाद हम केवटी झरना पहुंचे। ये झरना महाना नदी पर स्थित है जो कि टोंस की सहायक नदी हैं। इस झरने की ऊंचाई लगभग 130 मीटर है। यहां आने का सही समय जुलाई से जनवरी के बीच हैं। जनवरी-फरवरी के बाद ये झरना कभी भी सुख जाता है और गर्मी में तो यहाँ बिल्कुल नहीं आना चाहिए। यहां लोग परिवार एवं दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आते है। यदि आप यहां सुकुन के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो छुट्टी वाले दिन यहाँ बिल्कुल न आये क्योंकि छुट्टी वाले दिन यहां बहुत भीड़ हो जाती हैं। झरने के आस-पास रेस्टोरेंट या दुकाने नहीं है तो आप अपने खाने-पीने का सामान साथ लेकर आये। हालाकि छुट्टी वाले दिन यहां फेरी वाले भुट्टा और कुछ और खाने-पीने का सामान बेचते मिल जाते हैं।

यदि आप यहाँ नहाना चाहते हैं तो जहां झरना गिरता है उसके आस-पास न नहाये क्योंकि वहा कई दुर्घटनाए हो चुकी हैं। यहां नहाने आये लड़के पानी के तेज बहाव में बहकर झरने के नीचे गिर गये। इन्ही कारणों से छुट्टी वाले दिन पुलिस प्रशासन के लोग वहां सुरक्षा के लिए लगाये जाते हैं। यदि आप नहाना चाहते है तो जहां झरना गिरता है उससे थोड़ा दूर जाकर नहाये।

यहां झरने के आस पास आपको बहुत से बंदर दिखाई देंगे। इनसे विशेष सावधान रहने की जरुरत है। आप अपने हाथ में खाने-पीने का सामान लेकर न चले नहीं तो ये बंदर उसे छिनने के लिए आप पर हमला कर सकते हैं। खाने पीने का सामान आप अपने बैग के अंदर रखे और जब खाये तो आस-पास देख ले कि बंदर न हो।

यदि आप मेरी तरह झरने के नीचे जाना चाहते है तो झरने के नीचे जाने का रास्ता झरने के दूसरी ओर से हैं। नीचे जाने का रास्ता बहुत ही दुर्गम हैं। तो आप नीचे तभी जाये जब आप पूरी तरह से स्वस्थ हों। नीचे घनी झाडिया है और वहाँ सांप और अन्य विषैले जानवर होने का खतरा बराबर बना रहता हैं। मैने यहां कई बार सांप की केचुली देखी है जो कि सांप के होने का प्रमाण हैं तो नीचे जाते समय सावधानी बरते।
नीचे जाने और वापस ऊपर आने में बहुत ऊर्जा की जरुरत होती है। तो अपने साथ कुछ पानी की बोतले जरुर रखे क्योंकि प्यास और थकान बहुत ज्यादा लगता हैं। हमारा पानी खत्म हो गया था तो मैने नीचे मछली पकड़ रहे कुछ लोगो से पानी मांगा तो उन्होने कहा कि वो प्यास लगने पर नदी का ही पानी पीते है। मैने भी अपनी प्यास बुझाने के लिए नदी का पानी पीने की कोशिश की लेकिन पानी का बहुत ही खराब स्वाद और गंदा होने के कारण पी नहीं पाया।

#Keoti #Waterfall

35 Comments

  1. अब तक के क्योटी जल प्रताप के बने वीडियो मे यह सर्वोत्तम वीडियो है मुझे उस समय की याद दिला दी जब जोगोन्दर सिह की बहुचर्चित फिल्म बिदिया और बन्दूक की शूटिंग देखने करीबन एक माह रहा और इसी तरह का आनन्द लिया ।धन्यवाद ।

  2. Awaaj acchie hai ….
    AIR Rewa se kab Connect ho rahe ….
    Krishnpal singh ji ….
    Sidhi ke hai ….
    Mil na jaruorie hai ….
    Best wishesh …….
    🙂🙂🙂🙂

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