दोस्तों इस विडीयो में आपको कालिया नाग के पुरे इतिहास के बारे में सिर्फ बताउंगा बल्कि उन सभी स्थानों पर लेकर भी जाउंगा सभी दोस्तों से अनुरोध है की विडीयो के पुरा देखें आपको अपने इतिहास के बारे में सब समक्ष आ जाएगा।

In this video I will show you all the places in Vrindavan which are related to Kaliya naag and Lord Krishna, I request you to please watch full video without skipping as you might miss all the major places.

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ये कहते हैं की ये गोलियां के निशान है एक यह है एक यह है एक यह है एक यह है इसको तोड़ने के लिए इस पे गोलियां बसाई गई थी और उसे समय जो गोलियां थी वो इतनी तो वो गली यहां पे दास गई थी दोस्तों तब गांव वालों ने कहा था की इसको मत तोड़ो देखिए यहां का जो फैन था उसे फैन के ऊपर भगवान श्री कृष्णा के बाल रूप में चरण कमल के निशान भी थे इसी आस्था की वजह से इसे आस्था की वजह से इसी मान्यता की वजह से इसके फैन को तोड़ दिया गया था उनकी मान्यता है की यहां पर एक जगह का नाम है राम लाल राम लाल अल में इस जगह के नीचे डब गया है दोस्तों ये है वो जगह कालिया डी दोस्तों मेरे पीछे ये वो कम का पेड़ है जी पर से भगवान श्री कृष्णा ने बालक रूप में चलांग लगे थी यमुना के कुंड में जहां पर कालिया नगर के पास करने लगा तब उसकी भर रहे हैं यानी की पटिया वहां आई है और भगवान श्री कृष्णा से प्रार्थना करती हैं की अब हुआ यह था दोस्तों की सनातन की अब हुआ ये था दोस्तों की सनातन के जितने भी बड़े-बड़े नाग के बड़े में आप क्या जानते हैं अगर आप कुछ नहीं जानते तो ये वीडियो अंत तक आपको देखना कालिया नाग की पूजा करने लोग यहां आते थे क्योंकि फैन के ऊपर भगवान श्री कृष्णा के चरण कमल के निशान बने हुए आज भी जिंदा है कालिया नाग तो दोस्तों आपको एक और जगह लेकर जा रहा हूं महाभारत कल से जुड़ी हुई और टिकट यह है की जहां भी मैं पहुंचता हूं आंधी तूफान ए जाता है पहले ही भगवान कृष्णा से जुड़ी हुई जगह है जहां आपको एक बार अवश्य आना चाहिए दोस्तों भगवान कृष्णा जहां कालिया नाग का 5% किया था चलते तो दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी जगह लेकर आया हूं जिसका इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है जो महाभारत कल के बिल्कुल चमत्कारी इतिहास के बड़े में हमें बताती है दोस्तों मेरे समीप है कालिया नाग जी हां महाभारत कल के जिसका भगवान श्री कृष्णा ने मां मर्दन किया था ये बात आपको यहां पर याद रखती है दोस्तों भगवान श्री कृष्णा कालिया नाग को मारा नहीं था बल्कि उनका मां मर्दन यानी की घमंड टोडा था दोस्तों महाभारत के आदि पाव में इसका उल्लेख मिलता है और विष्णु पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है महर्षि कश्यप की 17 पटिया थी अब यहां भी थोड़ा सा विचार विमर्श करने की हमें आवश्यकता है यहां पर दोस्तों क्योंकि मत्स्य पुराण में महर्षि कश्यप की नो भो का मतलब 9 पत्तियों का उल्लेख है अब यहां पर अगर भागवत पुराण की और मारकंडे पुराण की बात करें तो वहां पर 13 पत्तियों का उल्लेख है और अगर हम महाभारत की और विष्णु पुराण की बात करें तो वहां पर 17 पत्तियों का उल्लेख है इसके बड़े में मैं आपको और आगे विस्तार से बताऊंगा आज इस जगह के इतिहास की एक पत्नी थी माता कडरू उनकी 1000 संतान थी अब वह संतान हम जैसे मनुष्य नहीं थे बल्कि इच्छाधारी नाग थी 1000 संतान थी जिसमें इच्छाधारी नाग थे और उसमें कम से कम 12 नाग बहुत प्रबल थे बहुत ही शक्तिशाली थे उनमें से एक थे शेषनाग जिनके बड़े में आपको पता होगा फिर थे वासु की उनके बड़े में भी आपको पता होगा उसके बाद पिंगला कंगाल और कालिया नाग जी हां जो मेरे पीछे इस समय विराजमान है ये महर्षि कश्यप और कडरू की 1000 संतानों में से एक थे और बहुत ही विषैला थे यहां आपको एक बात ध्यान रखती है दोस्तों की महर्षि कश्यप और कडरों की संतान नाग थे सांप नहीं सांप उनकी दूसरी पत्नी क्रोध वर्षा की संतान थे जी हां महर्षि कश्यप और क्रोध वर्षा की संतान थे सांप बिच्छू और दूसरे सरिसर अब एक बात आपको और बता डन अगर हम यहां पर नागो की बात कर रहे हैं तो हमें उसकी भी बात करनी चाहिए जो नागो को खाता है यानी की गरुण की महर्षि कश्यप की ही एक और बीबी विनता के दो बालक थे एक थे अरुण और एक करोड़ अरुण सूर्य देव के सारथी हैं और गरुड़ भगवान विष्णु की सवारी है तो अब जानते हैं इस जगह के इतिहास के बड़े में कालिया नाग कहते हैं की नागो के राजा थे और सबसे शक्तिशाली थे अच्छा यहां पे कुछ लोग कहते हैं की कालिया नाग के सो फैन थे कुछ कहते हैं की साथ थे कुछ कहते हैं की पांच से अभी मैं जिन लेट हूं 1 2 3 4 5 यहां पर पांच है पर दोस्तों एक चीज और है जो हमें देखनी है यहां पर इनका जो आगे का हिस्सा है ना वो तोड़ दिया गया है कलियानर जो थे ना वो पन्नक जाति के नाग के जिसको कुछ लोग पन्ना कहते हैं कुछ लोग अन्य भी कहते हैं कुछ लोग पन्नक कहते हैं तो उसे जाति के ये नाथ थे अब इसमें क्या हुआ की जब अंग्रेजन को पता लगा की यहां पर एक नाग है जो पन्ना जाति का है तो उन्हें लगा की इसके नीचे पान तोड़ने की कोशिश तो नाक का जो में फैन था ना कालिया नाग का वो तो पहले ही तोड़ दिया गया था मुगलो के द्वारा जो यहां के लोग मुझे बताते हैं उसके बाद जो बच्चा कुछ था उसको तोड़ने की कोशिश की गई कैमरा मैंने तो बोलूंगा छोटे से बच्चे को पीछे कैमरा लेगा यहां देखिए दोस्तों मैं आपको दिखाऊंगा ये कहते हैं की ये गोलियां के निशान है ये देखिए दोस्तों ये कहते हैं की ये गोलियां के निशान है एक ये है एक ये है एक ये है एक ये है इसको तोड़ने के लिए इस पे गोलियां बसाई गई थी और उसे समय जो गोलियां थी वो इतनी ताकतवर तो नहीं थी की इसको क्या के बाहर निकाल जाए तो वो गली यहां पे दास गई है दोस्तों तब गांव वालों ने कहा था की इसको मत तोड़ो देखिए यहां पर वार किया गया था पूरा यहां पर ये तोड़ने की कोशिश की है पत्थर भी जो है ना कहानी मिलता नहीं है ऐसा पत्थर ऐसे ही मान्यता है की इस ये जो कालिया नाग की यहां पर मूर्ति है इसका जो फैन था उसे फैन के ऊपर भगवान श्री कृष्णा के बाल रूप में चरण कमल के निशान भी थे इसी आस्था की वजह से इसे आस्था की वजह से इसी मान्यता की वजह से इसके फैन को तोड़ दिया गया था और गोलियां के निशान तो आप देख ही रहे हैं गोलियां उसे समय इतनी ताकतवर नहीं थी की वो मूर्ति को पर कर जाए तो निशान तो बने हैं पर मूर्ति को ज्यादा नुकसान गोलियां से नहीं हुआ इसके फैन के टूटने से हुआ इसके बड़े में और जानेंगे दोस्तों पहले थोड़ा सा आपको कालिया नाग के बड़े में बता देता हूं तो दोस्तों इस जगह के बड़े में जन से पहले थोड़ा कर लिया नाक के बड़े में जान लेते हैं आखिर कौन था कालिया नाग मैंने आपको बताया है की मा ऋषि कश्यप और कद्दू की संतानों में से एक था कालिया नाग पर वो वास कहां करता था और यहां कैसे ए गया मतलब इस कुंड के पास के इस कुंड के पास नहीं इस कुंड के पास वो आया था यमुना जी के उसे कुंडी के पास भी मैं आपको लेक जाऊंगा जहां पर भगवान श्री कृष्णा ने अपने बाल रूप में कालिया नाग का मां मर्दन किया था याद रहे मां मर्दन यानी की घमंड टोडा था उसको मारा नहीं था दोस्तों कालिया नाग पहले यहां से बहुत दूर ऐसी मान्यता है हालांकि कुछ लोग ये बोलते हैं की कालिया नाग यही पास में ही वास करता था पर ये सत्य नहीं है तो कालिया नाग पहले रामलखन नमक एक द्वीप पर वास करता था अब ये रामलखन द्वीप है कहां पर तो कहानी कहानी इसका प्रूफ मिलता है की ये क्रमांक नमक दी फिजी के पास एक छोटे से आयरलैंड पे है अब आप कहेंगे मुझे इसका प्रमाण कहां से मिला कोई प्रमाण दो तो दोस्तों एक तो प्रमाण ये है जो मैंने इस समय आपकी स्क्रीन पर डाला हुआ है कॉपी और पेस्ट ये एक आर्टिकल है जिसे थोड़ा बहुत ऐसा अंदाज़ होता है की हां वही द्वीप है जिसमें कालिया नाग पहले रहा करते थे न्यू है न्यू के नीचे एक छोटा सा आयरलैंड है फिजी जहां पर बहुत सारे इंडियन रहा करते हैं बिहार से जाकर हमारे बहुत सारे भाई बंधु वहां पर सेटल्ड हो गए हैं वहां पर ये द्वीप है द्वीप का नाम है शायद लवी केतु जहां पर उनकी मान्यता है की यहां पर एक देगी नाम का सांप रहा करता है जब वहां पर इंडियन पहुंचे हमारे भाई बंधु तो उनको ये पता लगा की ये सांप और कोई नहीं बल्कि कलियां नाक है बहुत ही जहरीला सांप है और उसका एक मंदिर भी है ग आयरलैंड पे अब मां सकते हैं की रावण दी फिजियो आयरलैंड के पास ही एक छोटी सी जगह है जहां पर कालिया नाग रहा करता था क्योंकि कालिया नाग अगर किसी द्वीप पर रहा करता था तो वो द्वीप सागर के अंदर होगा ना की किसी नदी के अंदर और अगर आसपास यहां पर कालिया नाग राहत तो फिर से वही प्रॉब्लम आई उसका जो जल था जहां पर भी वो रहेगा तो वो विषैला हो जाएगा अब कालिया नाग भला रामनक दीप से यहां क्यों ए गया उसके पीछे भी एक और मान्यता है दोस्तों जो भी नाग थे वो गरुड़ को पक्षीराज गरुड़ को कुछ ना कुछ ऑफर किया करते थे कुछ बाली खाने के रूप में कुछ बाली दिया करते थे अब कालिया नाग ने क्या किया अपने घमंड के चलते बाली तो कुछ भी नहीं पक्षीराज गरुड़ को बल्कि जो बाली वहां पर थी जो और नागो ने दी थी वो भी खाली उसने उसके बाद पक्षीराज गरुड़ से कालिया नाग की शत्रुता हो गई थी अब यहां पर जो नाग और गरुड़ की शत्रुता है तो उसमें जीतेगा कौन आप जानते हैं पक्षीराज गरुड़ से बचाने के लिए कालिया नाग वहां से भगत है पर अब जाए कहां तो उसको पता चला है की यमुना की नदी में एक जगह है एक रेडियस है ऐसा जहां पर गरुड़ नहीं ए सकता था मतलब यमुना तो बहुत बड़ी नदी है उसमें जैसे कुंड है जहां पर गरुड़ नहीं ए सकते थे तो वो क्यों था क्योंकि दोस्तों एक बार ऐसा हुआ था की एक ऋषि थे सोमभरी वो पानी के अंदर यमुना के इस कुंडली के पास पानी के अंदर तपस्या किया करते थे और बहुत सालों तक तपस्या किया करते थे तो गरुड़ आकर वहां पर ऊपर से शिकार करते थे और मछलियां पढ़ते थे ये सोमवारी ऋषि को बिल्कुल पसंद नहीं था दोस्तों थोड़ा सा सोमवारी ऋषि के बड़े में भी हम जान लेते हैं जब हम पूरा जन की कोशिश कर रहे हैं इस जगह के बड़े में तो मैं जहां पर खड़ा हूं इस जगह का नाम है राम लाल राम लाल अल में इस जगह के नीचे डब गया है और ऑलमोस्ट खत्म हो चुका है चाहे मेरे पीछे प्रतीत काटना तोर पे एक लाल बना दिया गया है जो बिल्कुल इस समय तहस-नहस हो रखा है पर ऐसा मानना है की सोमवारी ऋषि का आश्रम यहां पर कभी हुआ करता था और यहां पर एक बहुत बड़ा लाल था अब दोस्तों सोमवारी ऋषि आखिर थे कौन तो दोस्तों ब्रह्मा से हुए अंगिरा ऋषि अंगिरंगिरा से हुए घर घर से हुए करना और करनाल से हुए सोमवारी ऋषि जी हां यानी की ब्रह्मा जी के ऋषियों में से एक संतान थे सोमवीर ऋषि उन्होंने ही गरुड़ को श्राप दिया था अल में वो यहां पर यमुना के कुंड पर यहां पर मछलियों को आते की गली बनाकर डाला करते थे गरुड़ जो है गरुड़ और शिकारी पक्षी मिलकर यहां पर मछलियों का शिकार करते थे ये बात इसी को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई तभी उन्होंने यहां पर गरुड़ को श्राप दिया था की तुम यहां पर स्वीकार नहीं करोगे ये पुलिस ये उसे समय ये जगह भी यमुना कहिए कुंड का हिस्सा था इसका नाम आज राम लाल है अगर आप यहां पर वृंदावन आते हैं तो बीच में पड़ती है वैसे आज तो मौसम अच्छा है पर लाल जो है आप बिल्कुल खत्म हो चुकी है तो आई वापस चलते हैं कालिया नाग के पास ये सब दोस्तों यहां के ये शीला पाठ पे लिखा हुआ है ये मैं अपने आप नहीं बोल रहा हूं यहां पर ये लिखा हुआ है आप चाहें तो जब भी यहां आए पढ़ सकते हैं राम लाल के बड़े में और शोबरी ऋषि के बड़े में [संगीत] इससे अच्छा हाय डाउट मतलब इससे अच्छा छुपाने की जगह इससे अच्छी छुपाने की जगह उसे नहीं मिली और वो यहां आकर यमुना के इस कुंड में आकर चुप गया इसमें कोई दिक्कत नहीं थी अगर वो छुपा राहत तो पर उसकी थूटें से इतना जहर निकलता था की वो यमुना नदी के उसे हिस के ऊपर तैरने लगा और पानी का रंग धीरे-धीरे हर हो गया जी हां दोस्तों हर हूं अब दोस्तों कालिया नाग का जहर इतना ज्यादा स्ट्रांग था उसकी इतना जहर निकलता था की यमुना नदी में जी कुंड में वो रहा करता था उसके ऊपर हरा-हरा हो गया था जहर से तेज़ाब इतना विषैला था उसका जहर की उसके ऊपर पूरा ग्रीन ग्रीन हो गया था आसपास के पेड़ पौधे करने लगे थे और जहर में जो बाप निकलते थी ना उससे ऊपर उड़ने वाले पक्षी तक मा जय करते थे जिसकी वजह से उसे जगह को काली दहा के नाम से जाना जान लगा वो जगह आज भी मौजूद है वहां भी आपको लेक जान वाला हूं [संगीत] तो दोस्तों यह है वह जगह कालिया डी इसे कालिया घाट के नाम से भी जानते हैं दोस्तों यही वो स्थान है जहां पर कालिया नाग आकर बस गया था अपनी भर रियाओं के साथ में यानी की अपनी पत्तियों के साथ में उसे समय मां यमुना का जो बहन था वो यही से होकर बाटी थी उसे समय मैं यमुना अब तो मी यमुना इस स्थान से काफी पीछे चली गई है पर आज से 5000 साल पहले दोस्तों अब सब लोग सबूत मांगते हैं की सबूत दो सबूत दो दोस्तों 5000 साल पुरानी बात है 360 साल में सब चीज बादल जाति है लेकिन जो इतिहास में आपको दिखा रहा हूं ये ₹5000 साल पुराना है और आज भी ये वही मौजूद है अगर आपने मेरी वीडियो स्टार्टिंग से अच्छी है अगर आपने स्किप नहीं की है तो आप देखेंगे की सारे ड्रेस मिलते हैं सब स्थान यहां मौजूद है जो हमारे प्राणों में लिखे हैं वह सारे स्थान मौजूद हैं दोस्तों दोस्तों मेरे पीछे ये वो कम का पेड़ है जी पर से भगवान श्री कृष्णा ने बालक रूप में चलांग लगे थी यमुना के उसे कुंड में जहां पर कालिया नगर के बात करने लगा ये है की सबसे पहले कालिया नाग को राधा रानी ने देखा था और वो काफी घबरा गई थी घबराकर जब वो वापस गांव भाग उन्होंने गांव में सबको बताया कालिया नाग के बड़े में तो भगवान श्री कृष्णा इससे बहुत क्रोधित हुए वो आते हैं इस समय यहां पर कालिया नाग का दमन करने के लिए पर फिर वो सोचते हैं की कालिया ना क्योंकि भगवान कृष्णा है उनको पता था की कालिया नाग एक वेद शेर नमक ऋषि के ही पुनर्जन्म है तो इसीलिए वो उसका दमन नहीं करते बल्कि चेतावनी डीके छोड़ देते हैं फिर वो अगले दिन आते हैं अपने शाखों के साथ वहां पर गेंद बाला खेलने के लिए तो जब वो यहां पर गेंद बाला खेल रहे होते हैं तो उनकी गेंद किसी कारणवश यमुना में गिर जाति है इस स्थान पर जहां पर कालिया नाग वास करता था अब उनके शाखा जो होते हैं उनमें से एक थे श्री राम वो कहते हैं की कृष्णा तुमने ही गेंद यमुना में फेंकी है तुम ही लेक आओगे हमें तो वही गेंद चाहिए तो जब भगवान श्री कृष्णा यमुना के उसे कुंड के पास पहुंचने हैं तो देखते हैं की वहां पर जो पेड़ है वो मा गए हैं वहां पर जो चिड़िया पक्षियों ऊपर से उड़ते हैं वो मा गए हैं और वहां पर एक गौ माता भी मा गई थी घूमने की उसे पानी को पीकर इससे भगवान कृष्णा को बहुत गुस्सा आता है वो क्रोधित हो जाते हैं और कहते हैं नहीं कालिया नाग इस स्थान पर वास नहीं कर सकता क्रोधित होकर वो यमुना में कूद जाते हैं दोस्तों और कलियां नाक से उनका भयंकर युद्ध होता है कालिया नाग उनके शरीर में जहर को छोड़ने की कोशिश करता है उनको अपनी कुंडली में ढाबा लेट है भगवान श्री कृष्णा अपना विराट रूप लेकर कालिया नाग की कुंडली से बाहर ए जाते हैं कालिया नाग घबरा जाता है पुरी कोशिश करता है पर तक जाता है उसकी टूटन में से भी खून निकालना शुरू हो जाता है उसको लगता है की अब मेरी मृत्यु निश्चित है तब उसकी भर रहे हैं यानी की पटिया वहां आई है और भगवान श्री कृष्णा से प्रार्थना करती हैं की भगवान श्री कृष्णा हम तो आपके भक्ति हैं ये एक नाग है इसकी प्रवृत्ति है जहर छोड़ना यह क्या करें आपने जो कार्य से दिया है ये वही तो कर रहा है भगवान श्री कृष्णा यह बात समझ जाते हैं और कहते हैं की तुम यहां नहीं र सकते मैं तुम्हें मारूंगा नहीं पर यहां रहना अब तुम्हारे लिए संभव नहीं है तुम चले जो वापस अपने बोलना है की भगवान आपका सेवक गरुड़ मुझे बाहर निकलते ही मार देगा तो तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा तो मैं नहीं मारेगा पर तुम अब वृंदावन की तरफ मुड़कर मत देखना चले जो यहां से पर कालिया नाग से गलती हो जाति है आगे बताऊंगा दोस्तों तो दोस्तों इस समय मैं मौजूद हूं जय कुंड में अच्छा यहां के साथ बहुत साड़ी मान्यताएं जुड़ी हैं एक मान्यता यह है जो इस बोर्ड पर लिखी है दूसरी मैं आपको बताऊंगा अभी एक मान्यता यह है दोस्तों की आज जब भगवान कृष्णा अपने बचपन रूप में अपने बाल रूप में यहां मौजूद थे वृंदावन के पास तो ये वो जगह है जहां पर एक रक्षा एक साफ-साफ बहुत बड़ा सांप अघासुर उतना का और बांका और का छोटा भाई अघासुर दोस्तों होता ही है की आगाज और यहां पर लेट जाता है और अपने शरीर को इतना विकराल कर लेट है की भगवान कृष्णा के मित्रों को यह दिखाई नहीं पड़ता की एक अजगर यहां पर लेट हुआ है पाइथन यहां पर सो रहा है और भगवान कृष्णा के मित्र सीधे उसके मुंह में घुसते जाते हैं जब भगवान कृष्णा देखते हैं की अघासुर के मुंह के अंदर उसके शाखा जा रहे हैं तो भगवान कृष्णा भी उनके पीछे पीछे चल देते हैं और जब अघासुर भगवान कृष्णा को अपने जबड़ो के बीच में दबाने की कोशिश करता है तो भगवान कृष्णा अपना रूप इतना बिकराल कर लेते हैं अपने शरीर इतना विकराल कर लेते हैं की उसके मुंह के अंदर का हिस्सा फाड़ कर बाहर ए जाते हैं तो ये दोस्तों एक मान्यता यहां के साथ जुड़ी हुई है अब चलते हैं हम उसे जगह पर इसके लिए यहां पर हम इस समय फिलहाल आए हैं यानी की कालिया नाग को देखने के लिए दोस्तों अब कालिया नाग के बड़े में आप क्या जानते हैं अगर आप कुछ नहीं जानते तो ये भी अब कालिया नाग के बड़े में आप क्या जानते हैं अगर आप कुछ नहीं जानते तो ये वीडियो अंत तक आपको देखना चाहिए दोस्तों यहां पर साड़ी चीज आपको जन को मिलेगी अच्छा एक बात और है जब आपको बताना चाहूंगा दोस्तों एक बार जब मैं पौड़ी गया था तो वहां पर उसका गिरी मंदिर में उसका गिरी मंदिर है वहां पर मुझे एक साधु मिले थे उन्होंने मुझे कहा की मेरे दादा पर दादा ने बहुत सारे हमारे जो उल्लेख थे हमारे जो इतिहास के आप पुस्तक थी हमारी धरोहर थी उनको छुपा दिया था अंग्रेजन से बचाने के लिए अब हुआ यह था दोस्तों की सनातन की जो अब हुआ यह था दोस्तों की सनातन के जितने भी बड़े-बड़े विश्व ओ तेरी अब हुआ यह था दोस्तों की सनातन के जितने भी बड़े-बड़े विश्वविद्यालय थे उनको जल दिया गया था जलाकर भस्म करने की कोशिश की गई थी वह पढ़ने वाले जो छात्र थे जितने भी थे वो किसी तरह से हमारी इतिहास की धरोहर जो पुस्तक के रूप में वहां मौजूद थी उसको लेकर वहां से भेज कुछ मार दिए गए कुछ जल गए कुछ लेकर उन्हें भागने में सफल रहे पर उन्होंने वो किसी को दी नहीं क्योंकि वो जानते थे की अगर यह पुस्तक किसी के भी हाथ में पद जाएगी तो इनका गलत इस्तेमाल होगा और अंग्रेजन ने उनका इस्तेमाल किया भी गलत किया और उसके बाद हम ही पर उन्होंने राज भी किया दोस्तों और हम और कुछ मान्यता ये हैं की ये बोलती है की अंग्रेज हमारी ही पुस्तकों को अपने पास रखकर हमसे ज्यादा आगे निकालने की आज कोशिश करते हैं दोस्तों लोकल्स यहां के मुझे बता रहे हैं की यहां पर एक बहुत बड़ा तालाब हुआ करता था मुगलो के हिंदुस्तान में आने से पहले और उसे समय इस तालाब में सिर्फ कलियां नाक का फैन दिखाई पड़ता था और यहां पर बहुत बड़ा मेला लगा करता था उसे समय और कालिया नाग की पूजा करने लोग यहां आते थे क्योंकि फैन के ऊपर भगवान श्री कृष्णा के चरण कमल के निशान बने हुए थे पद चिन्ह बने हुए थे जिसको जिसके दर्शन करने लोग यहां आते थे इसी वजह से इस मूर्ति के फैन को नुकसान पहुंचा गया था [संगीत] तो दोस्तों बहुत से लोग यह मानते हैं की अगर भगवान श्री कृष्णा कालिया नाग को मारा नहीं था और वह पत्थर का हो गया था तो क्या आज भी जिंदा है कालिया नाग जी हां बिल्कुल आज भी जिंदा है कालिया नाग अगर आप यह प्रतिमा देखेंगे ये मूर्ति देखेंगे तो आपको समझ में ए जाएगा की शायद कालिया नाग आज भी जिंदा है पर वो अब इस मूर्ति के अंदर फंसा हुआ नहीं है दोस्तों जैसे मां गंगा भगवान श्री कृष्णा के जान के 5000 साल बाद वापस स्वर्ग लोट गई थी इस तरह से कालिया नाग भी भगवान श्री कृष्णा के बैकुंठ जान के बाद 5000 साल बाद शायद वापस लोट गया हो पाताल लोक हां अपना प्रतिबिंब यहां छोड़ गया था हम लोगों के लिए जिसमें भगवान श्री कृष्णा के चरण कमल के निशान थे जिसको देख के हम भगवान श्री कृष्णा की पूजा कर सकते थे पर अब वो भी तोड़ दिया गया दोस्तों इस जगह पर ऊपर पूरा चित्रण दिखाए गया है की उसे दिन क्या हुआ था जी दिन भगवान श्री कृष्णा ने कालिया नाग का मां मर्दन किया था जैसे इसमें दिखाए गया है की कैसे भगवान श्री कृष्णा और उनके शाखा यहां पर खेलने आते हैं उनकी गेंद गेंद बाला यहां दिखाए गया है पर मैं ये नहीं बोलूंगा की क्रिकेट इन्वेंट किया है क्योंकि हमने हर चीज इन्वेंट नहीं है पर हां वैसे ही कोई गेम हम भी खेलने होंगे उसे समय 5000 साल पहले और तो कोई गेम होगा नहीं खास तो दोस्तों यहां पर पूरा चित्रण किया गया है हर चीज का कैसे भगवान श्री कृष्णा ने चलांग लगे थी यमुना में कैसे कालिया नाग ने उन्हें करने की कोशिश की थी कैसे कालिया नाग की पत्तियों ने भगवान श्री कृष्णा को देखा और कहा एक छोटा सा बच्चा यहां आया है कालिया नाग से लड़ने के लिए अब यहां पर याद रखना वाली बात ये है दोस्तों उसे समय भगवान श्री कृष्णा की आयु थी मंत्र 5 वर्ष जी हां 4 साल 10 महीने यानी की लगभग 5 वर्ष उनकी आयु थी और 5 वर्ष की आयु में ही भगवान कृष्णा ने कितने सारे दवाओ को मार दिया था की वो इस धरती पर हम लोगों का उधर करने के लिए ये आए थे दोस्तों कैसा लगा आपको ये वीडियो आपको भी यहां एक बार अवश्य आना चाहिए ये जगह हालांकि इतनी मेंटेन नहीं की गई ज्यादा टूरिस्ट यहां आता नहीं है पर अगर आप वृंदावन ए रहे हैं तो जेट गांव में एक बार इस प्रतिमा को देखने इस मूर्ति को देखने अवश्य आइएगा दोस्तों यहां पर आपको अनुभव तो होगा ही थोड़ा बहुत तो उसे समय हुआ होगा दोस्तों मेरे पास माइक तो है नहीं तो इसकी वजह से मैं फोन से ही रिकॉर्डिंग करता हूं काफी डिस्टरबेंस ए रहा था इसलिए मुझे ओवर रिकॉर्डिंग करनी पड़ी है वॉइस रिकॉर्डिंग करनी पड़ी है उम्मीद करता हूं वीडियो अच्छा बना होगा अगर वीडियो आपको अच्छा लगा तो लाइक कमेंट शेर करना बिल्कुल मत भूलिएगा और अगर वीडियो आपको बहुत अच्छा लगा हो तो यूपीआई पेटीएम सुपर थैंक्स स्टीकर इसके थ्रू आप मेरी वित्तीय सहायता यानी की फाइनेंशियल हेल्प भी कर सकते हैं अगर नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं दोस्तों भगवान राम के आशीर्वाद से सब बढ़िया चल रहा है बस में ये चाहता हूं की भगवान सब पर अपनी कृपा बनाए रखें और दोस्तों ये वो लड़का है खुश जिसने कैमरा पड़ा और मेरी हेल्प की इस वीडियो को बनाने में तो ही इसे डी हीरो ऑफ दिस वीडियो [संगीत]

38 Comments

  1. Kab jayega, yahi sochti rehti hu ab mein, lekin jab soch hi liya hai toh phir jayenge toh pakka. Sure hai pura yeh… Vrindaban jayenge for sure, chahe ab laakh mushkile aa jaye, thakur ji ko darshan karne jarur jayenge, ab bulawa aaya hai toh phir rehna kaisa yaha…. Jai Shree Krishna❤🤗😇

  2. Kabhi Sri Krishna janm bhumi ke pass ke potra kund ko under se khangalne ka prayash kare kuchh sachhay jarur milege

  3. बहुत अच्छी जानकारी दिया है आपने, जय श्री कृष्ण, राधे राधे 🙏🏻🙏🏻🌺🌺

  4. बहुत अच्छा लगा आपसे जानकर इतिहास की जानकारी बहुत बहुत धन्यवाद

  5. अंधभक्तो सुधार जाओ वो सिर्फ और सिर्फ सामान्य पथर है और कुछ नहीं 😂😂😂😂

  6. Ye kaliya naag nahi hai, kaliya naag ke 101 fun the aur woh do yojan jitni lambai thi, par ye 5 fano vala naag hai jiski lambai karib 10 se 15 meter ke beech ho sakti hai, any question about kaliya u can ask me, radha rani ki kripa se answer jarur milegi. Radhe radhe

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